सूचना का अधिकार

अंतिम नवीनीकृत: 21-Dec-2013

सार्वजनिक प्राधिकरण की कार्य प्रणाली को पारदर्शी व उत्तरदायी बनाने के लिए, सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (आर.टी.आई. अधिनियम, 2005)External Link Image सार्वजनिक प्राधिकरणों के नियंत्रण के अन्तर्गत नागरिकों को सूचना लेने के लिऐ अधिकृत करता है।

हरियाणा विधुत विनियामक आयोग की वेबसाईट सभी सूचनाएं प्रदान करती है जो कि आयोग के कार्यालय के संबंध में सूचना का अधिकार, अधिनियम, 2005 की धारा 4 (1) (बी) की शर्तो के अनुसार आयोग को प्रकाशित करना आवश्यक है।

सूचना का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत, एक नागरिक जो सूचना लेने का इच्छुक है सूचना प्राप्त करने के लिए जन सूचना अधिकारी (पी.आई.ओ.) से अनुरोध करेगा तथा उसे कौन सी सूचना चाहिए वह उसको निर्धारित फार्मView Document( 20 Kb) में बताएगा। ऐसा निवेदन लिखित रूप में या इल्कट्रोनिक माध्यम से हिन्दी या अग्रेंजी में हरियाणा सरकार द्धारा निर्धारित शुल्क सहित किया जा सकता है। जन सूचना अधिकारी मौखिक रूप से किये गये निवेदन को लिखित में कम करने के लिए सभी उचित कदम उठायेगा। निवेदक जिसने सूचना के लिए आवेदन किया है उसे उसका कारण बताने की जरूरत नही है और ना ही व्यक्तिगत जानकारी देने की जरूरत है सिवाए इतना कि जो उससे संम्पर्क करने के लिए आवश्यक हो।

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत नागरिकों से प्राप्त सभी निवेदनों के संबंध में जन सूचना अधिकारी निवेदन प्रप्ति की तिथि से 30 दिन के अंदर सूचना प्रदान करेगा नहीं तो उस पर 25000 रूपये तक जुर्माना हो सकता है और संभावित अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जा सकती है। सूचना का अधिकार, अधिनियम के अन्तर्गत एक अपीलीय तंत्र भी है जिसका प्रयोग नागरिक जन सूचना अधिकारी के उत्तर से संतुष्ट ना होने पर कर सकते है। इस उद्देश्य के लिए सार्वजनिक प्रधिकरण द्धारा नियुक्त किए गए अपीलीय प्राधिकारी को जन सूचना अधिकारी के निर्णय के विरूद्ध अपील की जा सकती है।