प्रेस विज्ञप्ति

अंतिम नवीनीकृत: 10-Jul-2023

समाचारों में हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) अवधि 01.01.2023 से 31.03.2023

एचईआरसी के सदस्य पहुंचे सीजीआरएफ गुरुग्राम

- त्वरित समाधान के दिए निर्देश

- बिजली उपभोक्ताओं की संतुष्टि ही आयोग का मुख्य उद्देश्य

गुरुग्राम, 26 जून, 2023 ।

हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) के सदस्य श्री नरेश सरदाना और विद्युत लोकपाल व निदेशक (तकनीकी) श्री वीरेंद्र सिंह ने सोमवार को सीजीआरएफ कार्यालय पहुंच कर बैठक की।

आयोग के सदस्य ने सभी शिकायतों की जांच की और बकाया शिकायतों के निवारण के आदेश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित समाधान किया जाए। बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए आयोग प्रतिबद्ध है। उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच (सीजीआरएफ) बनाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि आज हरियाणा में 27 सीजीआरएफ हैं, 21 सीजीआरएफ सर्कल लेवल पर, 4 सीजीआरएफ जोनल स्तर पर और 2 सीजीआरएफ कॉर्पोरेट स्तर पर बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण कर रहे हैं।

सीजीआरएफ कॉर्पोरेट गुरुग्राम ने जून माह में अब तक 27 नई शिकायतें दर्ज की और 16 शिकायतें पुरानी थी, कुल 43 शिकायतों में से इस माह 8 शिकायतें निपटाई गई। इनमें गुरुग्राम सर्कल - एक और गुरुग्राम सर्कल - दो की 15, फरीदाबाद की 12, चरखी दादरी की 3, भिवानी की 2, रेवाड़ी, सिरसा और हिसार की एक-एक, कुल 35 शिकायतें बकाया हैं।

उल्लेखनीय है दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए कॉर्पोरेट लेवल पर यह सीजीआरएफ कार्यरत है, एसई लेवल पर सर्कल सीजीआरएफ़ और चीफ इंजीनियर लेवल पर जोनल सीजीआरएफ द्वारा भी बिजली संबंधी शिकायतों का निवारण किया जा रहा है। इनमें मुख्यत: बिलिंग, वोल्टेज, मीटरिंग से संबंधित शिकायतें, कनेक्शन काटने और जोड़ने, बिजली आपूर्ति में बाधाएं, कार्यकुशलता, सुरक्षा और हरियाणा बिजली विनियामक आयोग के आदेशों की अवहेलना आदि शामिल हैं। बिजली उपभोक्ताओं की संतुष्टि ही आयोग का मुख्य उद्देश्य है।

बैठक के दौरान सीजीआरएफ कॉर्पोरेट के चेयरमैन श्री अनिल कुमार विज, ऑपरेशन दिल्ली जोन के मुख्य अभियंता श्री वी के अग्रवाल, सदस्य श्री राजकुमार जाजोरिया और श्रीमती सुशीला कुमारी भी उपस्थित रहे।

एचईआरसी ने उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए कॉरपोरेट, जोनल और सर्कल स्तर पर बनाए सीजीआरएफ

- एचईआरसी के लिए उपभोक्ताओं का हित सर्वोपरि है

- सीजीआरएफ बिजली चोरी को छोडक़र बाकी बिजली से संबंधित सभी शिकायतें सुनता है

चंडीगढ़ (30 अक्तूबर, 2022)। हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (एचईआरसी) के लिए बिजली उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण सर्वोपरि है, इसी वजह से एक से अधिक सीजीआरएफ बनाकर बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने का काम किया है, ताकि बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों का शीघ्र निवारण किया जा सके। अब दोनों बिजली वितरण निगमों-उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के कॉरपोरेट, जोनल और सर्कल स्तर पर सीजीआरएफ बनाए गए हैं। यह सभी सीजीआरएफ बिजली चोरी की शिकायतों को छोडक़र बाकी सभी बिजली शिकायतों को सुनते हैं और उनका निवारण करते हैं।

एचईआरसी के रेगुलेशन के अनुसार जोन स्तर पर बने सीजीआरएफ को जोनल उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच, सर्कल स्तर पर बने सीजीआरएफ को सर्कल उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच और कॉरपोरेट पर बने सीजीआरएफ को कॉरपोरेट उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के नाम से जाना जाएगा। कॉरपोरेट सीजीआरएफ अपने मुख्यालय, दूसरे मुख्य स्थानों जैसे की कारपोरेट फोरम के आपरेशन सर्कलों की सीमा के अंतर्गत उपभोक्ताओं की सुविधानुसार अन्य मुख्य स्थानों पर जाकर उपभोक्ताओं की शिकायतें सुनेगा।

एचईआरसी के रेगुलेशन के अनुसार जोनल सीजीआरएफ का चेयरमैन संबंधित निगम का कार्यरत चीफ इंजीनियर होता है, जोनल फोरम को एक माह में कम से कम चार मीटिंग करनी होंगी या फिर इस संबंध में समय-समय पर विद्युत विनियामक आयोग के निर्देशों के अनुसार मीटिंग करनी होंगी।

वहीं, सर्कल सीजीआरएफ का चेयरमैन संबंधित निगम का कार्यरत अधीक्षण अभियंता स्तर का अधिकारी होगा, यह भी महीने में कम से कम चार मीटिंग करेगा या फिर एचईआरसी के इस संबंध में समयानुसार निर्देशों की पालना करनी होगी।

कॉरपोरेट सीजीआरएफ को 3 लाख रुपए से अधिक, जोनल सीजीआरएफ को एक लाख से तीन लाख रुपए तक और सर्कल सीजीआरएफ को केवल 1 लाख रुपए तक के वित्तीय विवादित मामलों का निवारण करने की शक्तियां प्रदान की गई हैं। दोनों बिजली वितरण निगमों के कॉरपोरेट सीजीआरएफ के चेयरमैन का चयन हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग करेगा और जोनल और सर्कल सीजीआरएफ के चेयरमैन बिजली वितरण निगमों के कार्यरत चीफ इंजीनियर और अधीक्षण अभियंता होंगे।

सीजीआरएफ मुख्य रूप से बिजली बिलिंग, वोल्टेज, मीटरिंग, डिस्कनेक्शन और कनेक्शन, बिजली आपूर्ति में रुकावट, दक्षता, सुरक्षा और हरियाणा विद्युत नियामक आयोग के आदेशों की अवहेलना आदि से संबंधित सभी शिकायतों को सुनेगा और उसका निवारण करेगा। हालांकि, सीजीआरएफ बिजली चोरी, अनधिकृत उपयोग के मामलों में भाग नहीं लेगा।

एआरआर पिटीशन पर वर्चुअल मीटिंग करके मांगा फीड बैक

- एचईआरसी के पंचकूला स्थित कार्यालय में 26 वीं एसएसी की मीटिंग हुई संपन्न

- मीटिंग की अध्यक्षता एचईआरसी के अध्यक्ष श्री आर.के. पचनंदा ने की

- बिजली निगमों की एआरआर पिटीशन पर 12 जनवरी को हुई थी पब्लिक हियरिंग, इन पब्लिक हियरिंग के बाद इस एसएसी की मीटिंग में मांगा गया फीड बैक

- एआरआर आर्डर से पहले एचईआरसी एसएसी की मीटिंग अवश्य करता है आयोजित

- आयोग के अध्यक्ष श्री आर. के. पचंनदा और सदस्य श्री नरेश सरदाना ने कहा कि बिजली निगमों की एआरआर से संबंधित सभी पिटीशन को एचईआरसी की वेबसाइट पर एक माह पहले ही अपलोड किया हुआ है

- इस संबंध में जो भी सुझाव आए हैं, उन पर एआरआर आर्डर में अवश्य विचार किया जाएगा

- एचईआरसी के प्रथम अध्यक्ष रहे श्री वी. एस. एलावादी ने लिखित में भेजे अपने सुझाव

- सबसिडी को और अधिक तर्कसंगत बनाया जाए इसको लेकर पूर्व अध्यक्ष आर एन पराशर ने दिया सुझाव

चंडीगढ़, 18 जनवरी, 2022 ( )। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) के पंचकूला स्थित कार्यालय में मंगलवार को राज्य सलाहकार समिति (एसएसी) की 26 वीं मीटिंग हुई। हरियाणा की चारों बिजली कंपनियों की आगामी वित्त वर्ष के लिए एचईआरसी में दायर वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) पिटीशन पर इस वर्चुअल मीटिंग में फीड बैक लिया गया।

उल्लेखनीय है कि सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के सेक्शन 87 में एसएसी के गठन और सेक्शन 88 में एसएसी के कार्यों का उल्लेख है। वर्तमान संदर्भ में बिजली से संबंधित सभी मामलों और उपभोक्ता हितों की सुरक्षा संबंधी सभी इस मीटिंग में डिस्कस होता है। एसएसी की मीटिंग में हरियाणा के बिजली निगमों ने जो एआरआर पिटीशन दायर की हुई है, उन पर 12 जनवरी को पब्लिक हियरिंग हुई थी। इस पब्लिक हियरिंग के बाद एचईआरसी की ओर से यह एसएसी की मीटिंग बुलाई गई थी, ताकि हरियाणा बिजली उत्पादन निगम (एचपीजीसीएल), हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन), उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के एआरआर आर्डर से पहले इन एआरआर की पिटीशन पर फीड बैक लिया जा सके।

मीटिंग की अध्यक्षता एचईआरसी के चेयरमैन श्री आर.के. पचनंदा ने की, इस मीटिंग में एचईआरसी के सदस्य श्री नरेश सरदाना, आयोग के सचिव श्री जय प्रकाश, निदेशक (टैरिफ) श्री संजय वर्मा और निदेशक (तकनीकी) श्री वीरेंद्र सिंह एचईआरसी कार्यालय में मौजूद थे तथा एसएसी के अन्य सदस्य वर्चुअल माध्यम से जुड़े हुए थे।

एचईआरसी अध्यक्ष श्री आर.के. पचंनदा का मुख्य उद्देश्य है कि किसी भी सूरत में बिजली उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए, उसी सिलसिले में एक बेहतरीन एआरआर आर्डर बनाने से पहले सभी हितधारकों से सुझाव लेने अनिवार्य है। अध्यक्ष श्री आर.के. पचनंदा ने कहा कि इससे पहले 25 नवंबर को जो एसएसी की मीटिंग थी, वह फिजिकली की गई थी, लेकिन अब कोविड की वजह से यह मीटिंग वर्चुअल की जा रही है।

एचईआरसी के प्रथम अध्यक्ष रहे श्री वी. एस. एलावादी ने अपने लिखित में अपने सुझाव भेजे। वहीं, एचईआरसी के पूर्व अध्यक्ष श्री आर.एन. पराशर ने कहा कि बिजली सबसिडी को और अधिक तर्कसंगत बनाए जाने की जरूरत है।

इस मीटिंग में एचपीजीसीएल, एचवीपीएन, यूएचबीवीएन, डीएचबीवीएन और अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (हरेडा) के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने-अपने संक्षिप्त सुझाव दिए। वहीं, मीटिंग के दौरान आयोग के अध्यक्ष श्री आर. के. पचंनदा और सदस्य श्री नरेश सरदाना ने कहा कि बिजली निगमों की एआरआर से संबंधित सभी पिटीशन को एचईआरसी की वेबसाइट पर एक माह पहले ही अपलोड किया हुआ है, जो भी सुझाव आए हैं, उन पर अवश्य विचार किया जाएगा।

दिसंबर 2021, एक नजर में (हरियाणा के बिजली निगमों के बारे में)

- यहां हर गांव में 1970 में बिजली पहुंच गई थी।

- हरियाणा में जहां 1967 में सभी स्रोतों से कुल 343 मेगावाट बिजली उपलब्ध थी, लेकिन जो अब बढक़र 2021 में 12175.17 मेगावाट हो गई है।

- हरियाणा में जहां 1966 में 3 लाख 11 हजार 914 बिजली उपभोक्ता थे जो अब बढक़र 2021 में 72 लाख 63 हजार 677 हो गए हैं।

- 1966 में जहां हरियाणा में 20 हजार 190 कृषि के लिए उपयोग में आने वाले टयूबवेल के बिजली कनेक्शन थे जो अब 2021 में बढक़र 6 लाख 57 हजार 957 हो गए हैं।

- 1966 में हरियाणा में मात्र 9749 ओद्यौगिक क्षेत्र के बिजली कनेक्शन थे जो अब 2021 में बढक़र 1 लाख 16 हजार 233 हो गए हैं।

- हरियाणा में जहां 1966 में प्रति व्यक्ति 48 यूनिट बिजली की खपत थी जो अब बढक़र 1805 यूनिट हो गई है।

- बिजली उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण, बिजली दरों को न्यायसंगत, परामर्शी और पारदर्शी नीति निर्माण, कुशल और पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल नीतियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य के लिए 1998 में हरियाणा पावर रिफोर्म एक्ट लागू हुआ, इसके बाद 16 अगस्त 1998 को हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) का गठन किया गया, श्री वी.एस. एलावादी (सेवानिवृत्त आईएएस), इसके पहले अध्यक्ष बने, जिन्होंने 17 अगस्त, 1998 को शपथ ली।

- हरियाणा पावर रिफोर्म एक्ट के तहत ही 1998 में बिजली क्षेत्र का पुनर्गठन किया गया था, इसके तहत पहले 14 अगस्त 1998 को हरियाणा राज्य बिजली बोर्ड के स्थान पर दो कंपनियां बनी-हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) और हरियाणा बिजली उत्पादन निगम (एचपीजीसीएल)।

- उसके बाद 1 जुलाई 1999 को हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम से दो कंपनियां अलग बनाई गई, जो केवल बिजली वितरण का कार्य करेंगी - उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन), यानी यूएचबीवीएन के अंतर्गत अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक और झज्जर सहित दस बिजली सर्कल हैं, इन दस सर्कलों में 32 डिविजन हैं और 128 सब डिविजिन हैं, इसी प्रकार डीएचबीवीएन के अंतर्गत हिसार, फतेहाबाद, जींद, नारनौल, रेवाड़ी, भिवानी, गुरुग्राम-1, गुरूग्राम-2, फरीदाबाद, पलवल और सिरसा सहित 11 सर्कल, 30 डिविजन और 129 सब डिविजन हैं। बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिलिंग, मीटरिंग, वोल्टेज, कनेक्शन, बिजली आपूर्ति से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम का बिजली उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच (सीजीआरएफ) कुरूक्षेत्र में और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का सीजीआरएफ गुरुग्राम में स्थित है, वैसे दोनों सीजीआरएफ के चेयरमैन और सदस्य संबंधित सर्कल में समय-समय पर जाकर बिजली उपभोक्ताओं की शिकायत सुनते हैं, हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग के सख्त निर्देश हैं कि बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों का तुरंत निपटारा किया जाए, इसके अलावा यदि बिजली उपभोक्ता सीजीआरएफ के निर्णय से संतुष्ट नहीं होते तो वे पंचकूला स्थित हरियाणा विद्युत लोकपाल के कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

- हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) का कार्य बिजली के ट्रांसमिशन का है, एचवीपीएन के 422 सब स्टेशन हैं, जिनमें 400 केवी के 7, 220 केवी के 83, 132 केवी के 187 और 66 केवी के 145 सब स्टेशन हैं।

- हरियाणा बिजली उत्पादन निगम (एचपीजीसीएल) कुल 2372.40 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती है, जिसमें से पानीपत थर्मल प्लांट से 500 मेगावाट बिजली का, राजीव गांधी थर्मल प्लांट खेदड़ से 1200 मेगावाट, दीनबंधु छोटूराम थर्मल प्लांट, यमुनानगर से 600 मेगावाट, वेस्टर्न यमुना कैनाल से 62.4 मेगावाट हाइड्रो तथा पानीपत पावर प्रोजेक्ट से 10 मेगावाट सोलर का बिजली उत्पादन होता है।

- बिजली उपभोक्ता के हित और उसकी संतुष्टि सबसे पहले: एचईआरसी

- खराब मीटरों को तुरंत बदल कर स्मार्ट/प्रीपेड मीटर लगाएं

- आने वाला समय नवीकरणीय ऊर्जा का, इस दिशा में सकारात्मकता के साथ आगे बढें

- बिजली उपभोक्ताओं के लिए अभी और भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता, उस दिशा में अवश्य पहल होनी चाहिए

- एचईआरसी की स्टेट एडवाइजरी कमेटी की 25 वीं मीटिंग में आयोग ने बिजली निगमों के अधिकारियों को दिए यह निर्देश

- मीटिंग में बिजली वितरण निगमों के एमडी ने कहा कि छह साल में 21 लाख 36 हजार नए कनेक्शन दिए गए

- बिजली वितरण निगमों को करीब 80 प्रतिशत राजस्व ऑनलाइन माध्यमों से मिलता है

- 08 अक्तूबर 2021 तक करनाल, पानीपत, पंचकूला, फरीदाबाद और गुरुग्राम में 3 लाख 37 हजार 919 स्मार्ट मीटर लगाए गए

- 1 नवंबर 2021 तक 5487 गांवों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध

- इस वित्तीय वर्ष में बिजली वितरण निगमों का लाभ 636 करोड़ 67 लाख रुपए

- बिजली वितरण निगमों का एटीएडंसी लॉस 16.22 प्रतिशत

चंडीगढ़, 25 नवंबर, 2021 ( )। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) ने बिजली वितरण निगमों को निर्देश दिए हैं कि बिजली उपभोक्ता के हित और उसकी संतुष्टि सबसे पहले है, इसके लिए उचित कदम उठाएं, एक तो खराब मीटरों को तुरंत बदल कर उनके स्थान पर स्मार्ट/प्रीपेड मीटर लगाएं, आने वाला समय नवीकरणीय ऊर्जा का है, इसलिए इस दिशा में सकारात्मकता के साथ आगे बढें, साथ ही अभी बिजली उपभोक्ताओं के लिए और भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है, उस दिशा में अवश्य पहल होनी चाहिए।

एचईआरसी के पंचकूला स्थित कार्यालय में गुरुवार सायं 25 वीं राज्य सलाहकार समिति (एसएसी) की बैठक हुई, इसकी अध्यक्षता एचईआरसी के अध्यक्ष श्री आर.के.पचनन्दा ने की। इस अवसर पर एचईआरसी सदस्य श्री नरेश सरदाना, एचईआरसी के पूर्व अध्यक्ष श्री आर.एन. पराशर, बिजली निगमों के प्रबंध निदेशक तथा विभिन्न श्रेणी से संबंधित बिजली उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले एसएसी के सदस्य मौजूद थे।

इस मीटिंग में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन), दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) की इस वित्त वर्ष की वित्तीय स्थिति, रिन्यूएबल परचेज ऑब्लिगेशन (आरपीओ), कुसुम स्कीम, फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट (एफएसए), एचपीजीसीएल के थर्मल प्लांटों के संचालन और बिजली कनेक्शनों के संबंध में गहन विचार विमर्श हुआ।

इस मीटिंग में हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) के एमडी श्री टी.एल. सत्यप्रकाश ने कहा कि एचवीपीएन बेहतरीन कार्य कर रही है। इसके बाद उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के एमडी श्री पी.सी.मीणा ने कहा कि अप्रैल 2015 से लेकर 31 अक्तूबर 2021 तक 21 लाख 36 हजार नए बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन को बिजली बिलों के रूप में जो राजस्व मिलता है, वह करीब 80 प्रतिशत ऑनलाइन माध्यमों से मिलता है, 08अक्तूबर 2021 तक करनाल, पानीपत,पंचकूला, फरीदाबाद और गुरुग्राम में 3 लाख 37 हजार 919 स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। वहीं, 1 नवंबर 2021 तक 5487 गांवों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध, उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन का लाभ 636 करोड़ 67 लाख रुपए है। इतना ही नहीं इन दोनों बिजली वितरण निगमों का एग्रीगेट ट्रांसमिशन एंड कार्मशियल लॉस (एटीएडंसी)16.22 प्रतिशत है, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। आरपीओ के निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास जारी है।

मीटिंग में हरियाणा बिजली उत्पादन निगम (एचपीजीसीएल) के एमडी श्री मोहम्मद शाइन ने कहा कि एचपीजीसीएल को आजकल जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उनको जल्द ठीक कर लिया जाएगा। हरेडा के एमडी श्री हनीफ कुरैशी ने कहा कि हरेडा ने उत्कृष्ट कार्य किया है और आगे भी इसी गति से अपने कार्य को करती रहेगी, कुसुम स्कीम के भी बेहतरीन परिणाम आए हैं, यह स्कीम किसानों को खुशहाल करने में काफी सार्थक साबित हो रही है। उद्यमियों की तरफ से पानीपत के उद्यमी श्री विनोद खंडेलवाल ने अपने क्षेत्र की कुछ समस्या रखी तो आयोग ने बिजली वितरण निगमों के एमडी को इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए निर्देश दिए। एचईआरसी के पूर्व अध्यक्ष आर.एन.पराशर ने भी बिजली के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों के विषय पर अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के कई उदाहरण देकर कैसे इन चुनौतियों पर काबू पाया जाए, इस पर अपने सुझाव दिए। इस मीटिंग में एचईआरसी के सचिव नरेद्र कुमार ने मंच संचालन में अपनी भूमिका निभाई। एसएसी की इस महत्वपूर्ण मीटिंग में बिजली निगमों , हरेडा व एचईआरसी के तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

बिजली उपभोक्ताओं के हित सर्वोपरि की भावना से काम करें: एचईआरसी

- एचईआरसी के सदस्य नरेश सरदाना सीजीआरएफ के कार्य की समीक्षा करने के लिए स्वयं गुरुग्राम पहुंचे

- उन्होंने एक जुलाई से 30 सितंबर तक सीजीआरएफ के पास आई सभी शिकायतों का अवलोकन किया

- इस वित्तीय वर्ष की द्वितीय तिमाही में सीजीआरएफ के पास कुल 214 शिकायतें आई, जिनमें ज्यादातर बिजली बिलिंग से संबंधित थी गुरुग्राम,

12 नवंबर, 2021()। हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (एचईआरसी) के सदस्य नरेश सरदाना ने कहा कि उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच (सीजीआरएफ) हो या फिर बिजली वितरण निगम के अधिकारी हों सभी को बिजली उपभोक्ताओं के हित सर्वोपरि की भावना से काम करना चाहिए। किसी भी सूरत में बिजली उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए, तथा एक टीम व कर्तव्यपरायणता की भावना से काम कर एक बेहतरीन उदाहरण पेश करना होगा। एचईआरसी के सदस्य श्री सरदाना शुक्रवार को स्वयं दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के सीजीआरएफ के कार्य की समीक्षा करने के लिए गुरुग्राम पहुंचे। उन्होंने इस वित्तीय वर्ष की द्वितीय तिमाही में सीजीआरएफ के पास आई सभी 214 शिकायतों का अच्छे से अवलोकन किया, ज्यादातर शिकायतें बिजली बिलों से संबंधित थी। उन्होंने कहा कि एचईआरसी के स्पष्ट निर्देश हैं कि दोनों निगमों के लिए गठित सीजीआरएफ संबंधित सर्कल में जाकर बिजली उपभोक्ताओं की शिकायत सुनेगा तथा उनका निवारण करेगा। इसके लिए यह सुनिश्चित होना चाहिए कि जिस सर्कल में सीजीआरएफ की टीम दौरा करे वहां पर टीम के कार्यक्रम की पहले से बिजली उपभोक्ताओं को अच्छे से सूचना होनी चाहिए। उन्होंने सीजीआरएफ के चेयरमैन संजीव चौपड़ा को कहा कि बगैर किसी योजना के भी किसी सर्कल में जाकर बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतें सुनें। इस अवसर पर विद्युत लोकपाल वीरेंद्र सिंह भी उनके साथ थे। एचईआरसी सदस्य ने डीएचबीवीएन के गुरूग्राम में बने एक 33 केवी के स्विचिंग सब स्टेशन व सीजीआरएफ के नवनिर्मित कार्यालय का भी निरीक्षण किया। उन्होंने डीएचबीवीएन के अधिकारियों को भी इस संबंध में कुछ जरूरी दिशा निर्देश दिए। यहां यह बता दें कि सीजीआरएफ बिलिंग, वोल्टेज, मीटरिंग से संबंधित शिकायतें, गुणवत्ता, विश्वसनीयता में कमी, सुरक्षा, एचईआरसी के आदेशों की अवेहलना, बिजली आपूर्ति में बाधाएं संबंधी शिकायतें सुनता है। यदि बिजली उपभोक्ता सीजीआरएफ के फैसले से संतुष्ट नहीं होता तो फिर वह विद्युत लोकपाल के यहां अपनी शिकायत देता है, जिस पर बाद में विद्युत लोकपाल अपना निर्णय सुनाता है। वहीं, डीएचबीवीएन के सीजीआरएफ के पास 1 जुलाई से 30 सितंबर तक 124 नई शिकायतें आई थी तथा इनके अतिरिक्त 90 शिकायतें गत तिमाही की लंबित थी। इनमें से 140 शिकायतें बिजली बिलिंग, 74 शिकायतें अन्य मामलों से संबंधित थी। डीएचबीवीएन में फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम-1, गुरुग्राम-2, नारनौल, रेवाड़ी, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और जींद सहित 11 सर्कल हैं तथा 38 लाख 29 हजार 955 बिजली उपभोक्ता हैं।

एचईआरसी ने प्रदेश के बिजली वितरण निगमों के समग्र राजस्व आवश्यकता (एआरआर) का टैरिफ आर्डर जारी किया

- हरियाणा के 70 लाख 54 हजार 796 बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत,जिसमें यूएचबीवीएन के 32 लाख 82 हजार 824 और डीएचबीवीएन के 37 लाख 71 हजार 972 हैं - नहीं बढ़ाई गई बिजली की दरें, इसके विपरीत कई श्रेणियों को दिया भारी लाभ

- नई बिजली की दरें 1 अप्रैल से होंगी लागू, नई दरें उद्योग एवं अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में होंगी बड़ी कारगर साबित

- हरियाणा में पिछले छह साल से बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई

- गत वर्ष एग्रो इंडस्ट्रीज को दिया था भारी लाभ

- इस वर्ष उद्यमियों को टाइम ऑफ डे (टीओडी) और टाइम ऑफ यूज (टीओयू) की बिजली दरों में की भारी कमी

- थोक आपूर्ति (घरेलू) के फिक्सड चार्ज को भी किया गया कम

- श्मशान और कब्रिस्तान में एलटी / एचटी सप्लाई की न्यूनतम बिजली दर लागू होगी, इनको फिक्सड चार्ज से मिलेगी छूट

- इलेक्ट्रिक्ल व्हीकल चार्जिंग स्टेशन को भी मिलेगी राहत

- पूजा स्थलों के लिए भी एक फ्लैट रेट अर्थात 6.90 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से मिलेगी बिजली

- रेलवे / डीएमआरसी को भी मिली छूट, ऊर्जा चार्ज में 10 पैसे प्रति यूनिट तथा डिमाण्ड चार्ज में 10 रुपये प्रति केवीए का लाभ

- हरियाणा बिजली निगमों को राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी में कमी की गई, आदेश के अनुसार 885.823 करोड़ रुपए जो इक्विटी पर वापिस अनुमोदित की गई है, वो सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी से कम की जाएगी।

- वकीलों के चैंबरों को भी मिलेगी सस्ती बिजली

- एचटी औद्योगिक उपभोक्ताओं के फिक्सड चार्ज में कमी की गई है, जो 170 रुपए /केवीए प्रति माह से घटाकर 165 रुपए / केवीए प्रति माह किया गया है

- गैर घरेलू सप्लाई-एनडीएस (एचटी) को एचटी आपूर्ति के साथ मर्ज किया गया, लागू दरें जो पहले की एनडीएस (एचटी) की टैरिफ दरें 6 रुपए 75 पैसे से घटा कर कर 6 रुपये 65 पैसे प्रति यूनिट हो जाएगी

- वहीं, घरेलू उपभोक्ता कैटेगरी - एक, जिनकी खतप 100 यूनिट प्रति माह है, उनको पहले की तरह 0 से 50 यूनिट तक 2 रुपए, 51 से 100 यूनिट तक 2 रुपए 50 पैसे प्रति यूनिट

- घरेलू उपभोक्ता कैटेगेरी-दो, जिनकी खपत 100 यूनिट से 800 यूनिट प्रति माह तक है, उनको 0 से 150 यूनिट तक 2 रुपए 50 पैसे प्रति यूनिट, 151 से 250 यूनिट तक 5 रुपए 25 पैसे प्रति यूनिट

- एचईआरसी ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए दोनों बिजली वितरण निगमों के एआरआर के लिए 29,986.36 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं, जबकि निगमों ने 32,543.78 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया था ।

चंडीगढ़, (30 मार्च, 2021)। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) ने बिजली वितरण कंपनियों के समग्र राजस्व आवश्यकता (एआरआर) का टैरिफ आर्डर जारी किया, 1 अप्रैल से होगा लागू ।

एचईआरसी ने बिजली वितरण कम्पनियों - उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) का जो टैरिफ आर्डर जारी किया है, इससे प्रदेश के 70 लाख 54 हजार 796 बिजली उपभोक्ताओं को भारी राहत मिली है, जिसमें यूएचबीवीएन के 32 लाख 82 हजार 824 और डीएचबीवीएन के 37 लाख 71 हजार 972 बिजली उपभोक्ता हैं।

बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई, इसके विपरीत कई श्रेणियों को लाभ दिया गया है। यह नई बिजली की दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी, कोविड-19 महामारी के चलते तथा प्रदेश के उद्योग एवं अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने में यह नई दरें विशेष कारगर साबित होंगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि हरियाणा में पिछले छह साल से बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है।

उल्लेखनीय है कि टैरिफ दरें वित्त वर्ष 2013-14 में लगभग 13 प्रतिशत बढ़ाने के आदेश दिए थे, तथा हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग द्वारा वित्त वर्ष 2015-16 में औसतन टैरिफ दरें 8.5 प्रतिशत बढ़ाने का अनुमोदन किया था। तदोपरान्त, उपभोक्ताओं की टैरिफ दरें ज्यों की त्यों रहीं, इसके विपरीत वित्त वर्ष 2020-21 में श्रेणी-एक के अंतर्गत पडऩे वाले घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की दरों में भारी कमी की गई थी।

वहीं, अब नई बिजली दरों 2021-22 के हिसाब से थोक आपूर्ति (घरेलू) वाले उपभोक्ताओं को कुछ राहत देने के लिए मांग के अनुसार प्रतिमाह फिक्सड चार्ज 100 रुपए प्रति किलोवाट से घटाकर 90 रुपए प्रति किलोवाट किया गया है।

घरेलू आपूर्ति टैरिफ - में कोई बदलाव नहीं, हालांकि उपभोक्ताओं की पिछली श्रेणियों की संख्या को 3 से घटाकर 2 कर दिया गया। आपूर्ति खपत 6 रुपए 90 पैसे प्रति यूनिट के होते हुए भी टैरिफ दरों में भारी रियायत दी गई है, पहले की तरह 0 से 50 तक 2 रुपए प्रति यूनिट तथा 51 से 100 तक 2 रुपए 50 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली मिलती रहेगी।

श्मशान व कब्रस्तिान- के मामले में आयोग ने निर्णय लिया है कि एलटी आपूर्ति या एचटी आपूर्ति जैसा भी मामला हो उसमें न्यूनतम शुल्क लिया जाएगा। ऐसे मामलों में कोई फिक्सड चार्ज नहीं लगाया जाएगा।

अधिवक्ता चैम्बर (न्यायालय परिसर) - जैसा कि न्यायालय परिसर के भीतर अधिवक्ता को एलटी आपूर्ति की जाती है। आयोग के वर्तमान आदेशों में 5 किलोवाट से 20 किलोवाट तक के लोड के लिए यह एनडीएस / वाणिज्यिक 7 रुपए 05 पैसे प्रति यूनिट दरों की बजाय अब 6 रुपए 90 पैसे प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है, अर्थात प्रति यूनिट 15 पैसे कम किए गए।

टाइम ऑफ डे टैरिफ- इसकी दरों में रियायत दी गई है, जो नवंबर 2021 से मार्च 2022 तक (रात्रि 9 बजे से प्रात: 05:30 बजे) के स्लॉट के लिए होंगी, इस पर विचार किया गया ताकि एचटी उपभोक्ताओं को पीक ऑवर से ऑफ ऑवर अवधि की और प्रेरित किया जा सके, तथा इस प्रकार उन द्वारा उत्पादन प्रक्रियाओं में खपत की गई औसत ऊर्जा अपने आप कम होने के साथ-साथ पीक ऑवर के दौरान डिस्कॉम द्वारा दी जाने वाली महंगी बिजली की दरों से भी बच सकें, इसलिए रियायती शुल्क, वृद्घिशील खपत के लिए, निम्नानुसार है:-

टाइम ऑफ डे / टाइम ऑफ यूज टैरिफ

क) 11/33 किलोवाट के एचटी उपभोक्ताओं के लिए 4.25 रुपए प्रति यूनिट

ख) 66 केवी या उससे अधिक के एचटी उपभोक्ताओं के लिए 3.75 रुपए रुपये प्रति यूनिट तय की गई है।

इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन - आयोग ने हरियाणा में इलेक्ट्रिक वाहनों का विकल्प तेजी से अपनाने को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर विचार करते हुए इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन के लिए रियायती शुल्क को मंजूरी देते हुए यह दरें 5.55 प्रति केडब्ल्यूएच या 5.00 रुपए प्रति केवीएएच अनुमोदित की है। इसके अलावा, प्रतिमाह 100 रुपए प्रति किलोवाट/किलोवोल्ट एम्पियर निर्धारित शुल्क करने का प्रस्ताव दिया है।

इसके अतिरिक्त, टीओडी / टीओयू टैरिफ के अनुसार ऊर्जा शुल्क भी ऑफ-पीक डिमांड अवधि (नवंबर से मार्च) के दौरान रात्रि 9 बजे से प्रात: 5:30 बजे के बीच लागू होंगी और उक्त समयावधि के दौरान इसकी गणना वृद्घिशील खपत की बजाय एचटी आपूर्ति उपभोक्ताओं की कुल आपूर्ति से होगी।

पूजा के स्थलों के लिए शुल्क-आयोग ने कोविड-19 महामारी की कठिन परिस्थितियों में श्रद्घालुओं को सहायता प्रदान करने के लिए पूजा स्थलों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए आयोग का यह मत है कि पूजा स्थलों पर पारंपरिक सामुदायिक गतिविधियों के सांस्कृतिक केंद्र हैं। तदनुसार, आयोग राजस्व तटस्थ आधार पर टूट / रियायत को मंजूरी प्रदान की है। इसके बाद, एलटी लागत आपूर्ति की एक फ्लैट दर अर्थात 6.90 रुपए प्रति यूनिट होगी।

एग्रो उद्योग - राज्य में आयोग ने एमएसएमई क्षेत्र में एग्रो आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर विचार करने के बाद 01.06.2020 को जारी अपने आदेश में पैक हाउस, ग्रेडिंग, पैकिंग, प्री-कूलिंग और पकने वाले चैम्बर, मधुमक्खी शहद, हनी प्रोसेसिंग, टिशू कल्चर, जिंगा और फिश फार्मिंग, पोल्ट्री फार्म, पिग फार्म, मिल्क चिलिंग प्लांट और कोल्ड स्टोरेज, मशरूम की खेती के लिए 20 किलोवट तक के लोड के लिए सिंगल पार्ट टैरिफ निर्धारित की है अर्थात 4 रुपए 75 पैसे प्रति यूनिट रहेगी।

एचटी इंडस्ट्रियल उपभोक्ता -इंडस्ट्री को कुछ राहत देने के लिए आयोग ने कन्ट्रैक्ट डिमांड के आधार पर फिक्सड चार्ज प्रति माह 170 रुपए प्रति केवीए से घटा कर 165 रुपए प्रतिमाह किया था।

इससे एचटी इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिलेगी। इससे एचटी औद्योगिक उपभोक्ताओं के निर्धारित शुल्क में वृद्घि नहीं होगी और एनडीएस (एचटी) को एचटी आपूर्ति के साथ मर्ज कर दिया जाएगा। इस प्रकार, पहले की एनडीएस (एचटी) की लागू टैरिफ दरें 6 रुपए 75 पैसे से घटा कर कर अब 6 रुपये 65 पैसे हो जांएगी।

रेलवे (ट्रैक्सन) / आपूर्ति / डीएमआरसी : जैसा कि रेलवे (टै्रक्सन) टैरिफ तथा डीएमआरसी टैरिफ श्रेणी को एचटी आपूर्ति के साथ जोड़ दिया गया है। ऐसे उपभोक्ताओं को ऊर्जा चार्ज में 10 पैसे प्रति यूनिट तथा डिमाण्ड चार्ज में 10 रुपये प्रति केवीए का लाभ होगा।

हरियाणा बिजली निगमों को राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी में कमी की गई, आदेश के अनुसार 885.823 करोड़ रुपए जो इक्विटी पर वापिस अनुमोदित की गई है, वो सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी से कम की जाएगी।

एचईआरसी ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए दोनों बिजली वितरण निगमों के एआरआर के लिए 29,986.36 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं, जबकि निगमों ने 32,543.78 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया था।

वितरण घाटे - पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान आयोग ने एचटी और एनडीएस की बिक्री में कमी के साथ कोविड-19 महामारी के प्रभाव के कारण 18.5 प्रतिशत की वितरण हानि की अनुमति दी थी, जैसा कि अब बिक्री लगभग सामान्य स्तर पर वापस आ गई है, आयोग ने वितरण हानि के स्तर को 15 प्रतिशत यानी पूर्व-महामारी के स्तर वाला बहाल कर दिया है, जिससे बिजली उपभोक्ताओं को वितरित बिजली की लागत कम हो गई है।

अन्य राहत - एचटी औद्योगिक उपभोक्ताओं / गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने आयोग के साथ बातचीत करते हुए डिस्कॉम द्वारा जारी कई नोटिसों के बारे में गंभीर मुद्दों के बारे जानकारी दी, जिसमें एचटी औद्योगिक परिसर में एनडीएस गतिविधि के लिए बिजली के आंशिक उपयोग के कारण भारी मात्रा में धनराशि जमा करने को कहा गया। इसके लिए संक्षेप में कहा गया है कि एचटी उद्योग आपूर्ति श्रेणी के तहत औद्योगिक एस्टेट में डिस्कॉम द्वारा कनेक्शन जारी किया गया है, हालांकि, कुछ उपभोक्ताओं ने अपनी निर्माण प्रक्रियाओं के लिए कार्यालय या पैकेजिंग इकाई सहायक भी स्थापित किए हैं। बिजली की अनाधिकृत उपयोग के रूप में डिस्कॉम द्वारा एचटी औद्योगिक कनेक्शन वाले औद्योगिक एस्टेट में किए गए इन सहायक गतिविधियों का निपटान किया जा रहा है, क्योंकि उपभोक्ताओं के एचटी एनडीएस श्रेणी के लिए आयोग द्वारा निर्धारित अलग-अलग टैरिफ और शुल्क हैं। आयोग ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया और सरकार की ईज-ऑफ डुइंग बिजनेस और कोई मुकदमेबाजी नहीं नीति को आगे बढ़ाते हुए इसमें एचटी उद्योग श्रेणी और एचटी एनडीएस श्रेणी को एक श्रेणी यानी एचटी आपूर्ति में मर्ज करने का निर्णय लिया है। आयोग का मानना है कि दो श्रेणियों को मिला दिया गया है, आयोग को श्रेणियों की संख्या कम करने का जनादेश भी दिया गया है। चूंकि, कोविड-19 महामारी के दौरान, जहां एचटी औद्योगिक उपभोक्ता अर्थव्यवस्था को पट्टी पर लाने के लिए कोरोना वारियर्स के रूप में लड़ रहे हैं, आयोग का मानना है कि इस तरह के छोटे कदम उद्योग की रीढ़ को मजबूत करने और अर्थव्यवस्था के पुनरुद्घार के लिए एक मार्ग प्रसस्त करेंगे। यह देखते हुए कि पूरे हरियाणा में बड़ी संख्या में ऐसे मामले हैं, आयोग का आदेश है कि एक मुश्त उपाय के रूप में, इस मुद्दे को नोटिस जारी करने की तिथि के अनुसार लागू जुर्माना में अंतर शुल्क लगाकर सुलझाया जाना चाहिए। डिस्काम को निर्देश दिया गया है कि ऐसे सभी मामलों की सूची, जिसमें इस खाते पर राशि की वसूली के लिए नोटिस जारी किए गए हैं, और उनकी सूची तैयार कर दो महीने में आयोग को इसकी रिपोर्ट भेजें।

डीएचबीवीएन - सीजीआरएफ आफिस अब पूर्णतय गुरुग्राम शिफ्ट

- एनसीआर क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं की अधिक संख्या को ध्यान में रखते हुए लिया गया यह निर्णय

- सीजीआरएफ के चेयरमैन गुरुग्राम में ही बैठ रहे थे, लेकिन सीजीआरएफ कार्यालय का रिकार्ड हिसार में था

- लेकिन अब 18 मार्च से सीजीआरएफ का पूरी तरह से रिकार्ड हिसार से गुरुग्राम शिफ्ट हो गया

- सीजीआरएफ बिलिंग, मीटरिंग, कनेक्शन, वोल्टेज, बिजली आपूर्ति में बाधाओं से संबंधित शिकायतों का निपटारा करता है

चंडीगढ़, (23 मार्च, 2021) । दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के बिजली उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच (सीजीआरएफ) का कार्यालय अब पूर्णतय गुरुग्राम शिफ्ट हो गया है। एनसीआर क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं की अधिक संख्या को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) के निर्देश हैं कि बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों का तुरंत समाधान किया जाए।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा में बिजली वितरण का कार्य दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) के पास है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के सीजीआरएफ का आफिस पहले हिसार में था, लेकिन जब कुछ माह पहले सीजीआरएफ के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति की गई थी, उसी समय एचईआरसी की ओर से निर्देश था कि सीजीआरएफ का कार्यालय अब गुरुग्राम में होगा, वैसे सीजीआरएफ की टीम गुरुग्राम में ही बैठ रही थी, लेकिन उनका रिकार्ड हिसार में ही था। अब 18 मार्च से सीजीआरएफ का पूरा रिकार्ड गुरुग्राम शिफ्ट हो गया है। सीजीआरएफ का कार्यालय सेक्टर 16, महरौली रोड, गुरुग्राम में बनाया गया है। हांलाकि, सीजीआरएफ की टीम हर बिजली सर्कल में जाकर बिजली उपभोक्ताओं की शिकायत सुनती है। जिस सर्कल में सीजीआरएफ की टीम जाती है, वहां के बिजली उपभोक्ताओं को इस सबंध में अवगत कराया जाता है। डीएचबीवीएन में फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम-1, गुरुग्राम-2, नारनौल, रेवाड़ी, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और जींद सहित 11 सर्कल हैं। इन सभी सर्कलों में सीजीआरएफ की टीम स्वयं जाकर बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों को सुनती है और उनका निवारण करती है। एचईआरसी के निर्देश हैं कि बिजली बिलिंग, वोल्टेज, मीटरिंग से संबंधित शिकायतें, गुणवत्ता, विश्वसनीयता में कमी, कार्यकुशलता, सुरक्षा, एचईआरसी के आदेशों की अवहेलना, बिजली आपूर्ति में बाधाओं से संबंधित कोई शिकायत है तो उसका समाधान सीजीआरएफ करेगा। डीएचबीवीएन में 37 लाख 71 हजार 972 बिजली उपभोक्ता है। जिसमें फरीदाबाद सर्कल में 5 लाख 79 हजार 230, पलवल सर्कल में 3 लाख 44 हजार 30, गुरुग्राम सर्कल-एक में 3 लाख 2 हजार 896, गुरुग्राम सर्कल-दो में 2 लाख 69 हजार 475, रेवाड़ी सर्कल में 2 लाख 87 हजार 208 तथा नारनौल सर्कल में 2 लाख 52 हजार 470 बिजली उपभोक्ता हैं। एनसीआर क्षेत्र में बिजली उपभोक्ताओं की इसी अधिक संख्या को ध्यान में रखते हुए ही सीजीआरएफ का आफिस पूर्णतय गुरुग्राम शिफ्ट किया गया है।

20 लाख और स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य
- एचईआरसी की एसएसी मीटिंग में यूएचबीवीएन के एमडी ने दी यह जानकारी
- बिजली बिलिंग से संबंधित शिकायतों का तुरंत करे निवारण: एचईआरसी
- एचपीजीसीएल को वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए अपनी कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन की जरूरत
चंडीगढ़, (05 फरवरी, 2021)। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) की शुक्रवार को राज्य सलाहकार समिति (एसएसी) की मीटिंग हुई, मीटिंग की अध्यक्षता एचईआरसी के सदस्य प्राविंद्रा सिंह चौहान ने की। एसएसी की मीटिंग में एचपीजीसीएल को वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखकर अपनी कार्यकुशलता में और अधिक आमूलचूल परिवर्तन करने, स्मार्ट व प्रीपेड मीटर लगाने, बिजली बिलिंग, लंबित कनेक्शन, सीजीआरएफ सहित कई विषयों पर गहन मंथन हुआ।
उल्लेखनीय है कि बिजली कंपनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) की पिटीशन्स की जन सुनवाई के बाद एसएसी की मीटिंग करना अनिवार्य है। उसी संबंध में यह वर्चुअल मीटिंग आयोजित की गई थी। मीटिंग में एचईआरसी सदस्य प्राविंद्रा सिंह चौहान ने बिजली वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए कि बिजली बिलिंग के संबंध में आने वाली शिकायतों का जल्द निवारण किया जाए, साथ ही लंबित कनेक्शनों को भी जल्द रिलीज करें। एचईआरसी सदस्य नरेश सरदाना ने स्मार्ट व प्रीपेड मीटर के बारे में पूछा तो उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) के एमडी शशांक आनंद ने बताया कि अभी तक 2.40 लाख स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, पहले जहां 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब 20 लाख और स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है, यानी दोनों बिजली वितरण निगमों में 10-10 लाख और स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसके लिए जल्द टेंडर किए जाएंगे। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के एमडी डा. बलकार सिंह ने मीटिंग में बताया कि उनके यहां बिजली उपभोक्ताओं की संतुष्टि के लिए बेहतरीन कदम उठाए गए हैं, वहीं उनके यहां अब 15,822 लंबित बिजली कनेक्शन हैं। मीटिंग में हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम (एचपीजीसीएल) के एमडी मोहम्मद शाइन ने एचपीजीसीएल की चुनौतियों के बारे में बताया, उन्होंने कहा कि वैसे इन सभी चुनौतियों पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। थर्मल प्लांटों में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी कंपनियों को यह उपकरण लगाने का कार्य दिया जा रहा है। इस मीटिंग में एचईआरसी के प्रथम अध्यक्ष वी.एस. एलावादी ने कहा कि एचपीजीसीएल को वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखकर अपनी कार्यप्रणाली में और अधिक बदलाव करने की बेहद आवश्यकता है, साथ ही उन्होंने स्मार्ट और प्रीपेड मीटर लगाने के बारे में कहा कि इससे बिजली उपभोक्ताओं को तो फायदा होगा ही साथ ही बिजली वितरण निगमों की बिलिंग कलेक्शन में व्यापक सुधार के साथ सटीकता आएगी। मीटिंग में हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) के एमडी टी. एल. सत्यप्रकाश ने कहा कि एचवीपीएन बेहतरीन कार्य कर रही है। इस मीटिंग में गुडग़ांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के जी.एन. मंगला ने कहा कि बिजली उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच (सीजीआरएफ) के कार्यों के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार की आवश्यकता है, उन्होंने बेहतरीन बिजली सप्लाई उपलब्ध कराने पर पूरी तरह संतुष्टि जाहिर की। इस पर एचईआरसी के सदस्य प्राविंद्रा सिंह चौहान ने यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन के एमडी को निर्देश दिए कि सीजीआरएफ के कार्यों के बारे में बिजली उपभोक्ताओं को व्यापक प्रचार प्रसार करके जानकारी दें। एचईआरसी सदस्य नरेश सरदाना ने कहा कि बिजली चोरी से संबंधित मामलों को छोडक़र बिजली से संबंधित सभी शिकायतें सीजीआरएफ में सुनी जाती हैं। इस पर सदस्य प्राविंद्रा सिंह चौहान ने कहा कि सीजीआरएफ के निर्णय से कोई बिजली उपभोक्ता संतुष्ट नहीं है तो वह उसकी अपील पंचकूला स्थित विद्युत लोकपाल के यहां कर सकता है। मीटिंग में हरेडा के पीके नॉटियाल ने नवीकरणीय ऊर्जा दायित्व (आरपीओ) के टारगेट को हासिल करने के लिए बिजली वितरण निगमों को और पहल करने के लिए जोर देना होगा की बात कही। मीटिंग में विद्युत लोकपाल वीरेंद्र सिंह, एचईआरसी के सचिव अनिल दून, निदेशक (टैरिफ) संजय वर्मा जहां एचईआरसी के कांफ्रेस रूम में मौजूद थे तो एचईआरसी के अन्य अधिकारी तथा एसएसी के अन्य सदस्य वर्चुअली तौर पर जुड़े हुए थे।

हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या बढक़र 70 लाख 46 हजार हो गई
- एआरआर की पब्लिक हियरिंग में बिजली निगमों ने आयोग के समक्ष रखा अपना पूरा लेखा जोखा
- आयोग ने नए लंबित कनेक्शन जल्द जारी करने के भी दिए निर्देश
- वर्चुअल पब्लिक हियरिंग में दोनों कंपनियों के अधिकारियों और जनता की तरफ से सुझाव और आपत्तियां दर्ज की गई
- एआरआर की पिटीशन्स पर 28 को एचईआरसी में यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन की थी वर्चुअल पब्लिक हियरिंग
चंडीगढ़, (29 जनवरी, 2021)। हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (एचईआरसी) ने गुरुवार को हरियाणा की बिजली वितरण कंपनियों- उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) द्वारा वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) की याचिकाओं पर वर्चुअल पब्लिक हियरिंग करके जनता और बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों के सुझाव और आपत्तियां दर्ज की।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को सुबह के वक्त यूएचबीवीएन की पब्लिक हियरिंग थी और दोपहर बाद डीएचबीवीएन की जन सुनवाई थी। आयोग के सदस्य प्राविंद्रा सिंह चौहान और सदस्य नरेश सरदाना ने दोनों पक्षों के सुझाओं व आपत्तियों को ध्यान से सुना।
आयोग के समक्ष सुबह के वक्त यूएचबीवीएन ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपना पूरा वित्तीय लेखा जोखा प्रस्तुत किया, उसके बाद यूएचबीवीएन के एमडी शशांक आनंद ने निगम की तरफ से अपनी बात रखी, इस पर एचईआरसी के सदस्य प्राविंद्रा सिंह चौहान और सदस्य नरेश सरदाना ने स्मार्ट मीटर, उपभोक्ता शिकायत केंद्र, बिजली बिलिंग कलेक्शन सहित कई विषयों पर यूएचबीवीएन के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। वर्चुअल पब्लिक हियरिंग में जनता की तरफ से भी आए सभी सुझाव और आपत्तियों को ध्यान से सुना गया और उनको दर्ज किया गया। इसके उपरांत दोपहर बाद तीन बने डीएचबीवीएन की पब्लिक हियरिंग हुई, डीएचबीवीएन की तरफ से भी पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से आयोग के सम्मुख पूरा लेखा जोखा पेश किया गया। हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या बढक़र 70 लाख 46 हजार हो गई है, इसमें यूएचबीवीएन के 32 लाख 84 हजार तथा डीएचबीवीएन के 37 लाख 62 हजार बिजली उपभोक्ता हैं। डीएचबीवीएन के एमडी बलकार सिंह आयोग को जब डीएचबीवीएन के बिजली उपभोक्ताओं का पूरा ब्यौरा पेश कर रहे थे, तो आयोग ने उनसे नए लंबित कनेक्शनों को भी जारी करने के निर्देश दिए। बताया गया था कि एक अक्तूबर 2020 को यूएचबीवीएन के पास 60,587 तथा डीएचबीवीएन के पास 24,058 नए बिजली उपभोक्ताओं के नए कनेक्शन की सूची लंबित थी। वहीं, आयोग ने बिजली उपभोक्ताओं की संतुष्टि के लिए और अधिक कारगर एवं बेहतरीन ढंग से काम करने के लिए कहा ताकि बिजली उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो।
इससे पहले 21 जनवरी को हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) और हरियाणा बिजली उत्पादन निगम (एचपीजीसीएल) की भी एआरआर की पिटीशन्स पर वर्चुअल पब्लिक हियरिंग हो चुकी है। वर्चुअल पब्लिक हियरिंग में सभी ने अपनी-अपनी बात रखी, वहीं आयोग के कोर्ट रूम में वर्चुअल पब्लिक हियरिंग के दौरान निदेशक (टैरिफ) संजय वर्मा, निदेशक (तकनीकी) वीरेंद्र सिंह तथा आयोग के सीनियर अधिकारी मौजूद रहे।

सीजीआरएफ और विद्युत लोकपाल एक्टिव मोड में
- सीजीआरएफ (डीएचबीवीएन) में 1 जुलाई से 30 सितबंर तक आई 144 शिकायतें
- सीजीआरएफ (यूएचबीवीएन) में 1 जुलाई से 30 सितंबर तक आई 101 शिकायतें
- बिलिंग, वोल्टेज, मीटरिंग से संबंधित शिकायतें, बिजली आपूर्ति में बाधाएं संबंधी शिकायतें सुनी जाती हैं सीजीआरएफ में
- एचईआरसी के निर्देश हैं कि सीजीआरएफ के चेयरमैन संबंधित सर्कल में जाकर मौके पर शिकायतों का निवारण करेंगे
चंडीगढ़, (20 दिसंबर, 2020)। हरियाणा बिजली वितरण निगमों के उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच (सीजीआरएफ) और विद्युत लोकपाल एक्टिव मोड में हैं। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के सीजीआरएफ के पास 1 जुलाई से 30 सितबंर तक 144 शिकायतें आई हैं। वहीं, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) के सीजीआरएफ के पास 1 जुलाई से 30 सितंबर तक 101 शिकायतें आई हैं। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी)के निर्देश हैं कि दोनों निगमों के लिए गठित सीजीआरएफ संबंधित सर्कल में जाकर बिजली उपभोक्ताओं की शिकायत सुनेगा तथा उनका निवारण करेगा। सीजीआरएफ बिलिंग, वोल्टेज, मीटरिंग से संबंधित शिकायतें, गुणवत्ता, विश्वसनीयता में कमी, सुरक्षा, एचईआरसी के आदेशों की अवेहलना, बिजली आपूर्ति में बाधाएं संबंधी शिकायतें सुनता है। यदि बिजली उपभोक्ता सीजीआरएफ के फैसले से संतुष्ट नहीं होता तो फिर वह विद्युत लोकपाल के यहां अपनी शिकायत देता है, जिस पर बाद में विद्युत लोकपाल अपना निर्णय सुनाता है। विद्युत लोकपाल वर्चुअल हियरिंग करके दोनों पक्षों की दलीलें सुनता है और फिर अपना निर्णय देता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गत वित्त वर्ष यानी 2019-20 में यूएचबीवीएन के सीजीआरएफ के पास 230 तो डीएचबीवीएन के सीजीआरएफ के पास 535 शिकायतें आई थी। वहीं, विद्युत लोकपाल के पास गत्त वित्त वर्ष में 40 शिकायतें आई थी, इन 40 शिकायतों का निपटारा करने के लिए विद्युत लोकपाल ने 128 सीटिंग करनी पड़ी थी। ज्यादातार शिकायतें मीटरिंग और बिजली बिलों से संबंधित होती हैं। विद्युत लोकपाल वीरेंद्र सिंह के मुताबिक एचईआरसी के सख्त निर्देश हैं कि बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण तयशुदा समय में हो और इसके लिए दोनों सीजीआरएफ के चेयरमैन सभी सर्कल में जाकर बिजली उपभोक्ताओं की शिकायत सुनते हैं। वैसे यूएचबीवीएन के सीजीआरएफ का ऑफिस कुरुक्षेत्र में तो डीएचबीवीन के सीजीआरएफ का ऑफिस गुरुग्राम में है। दोनों सीजीआरएफ की जिस भी बिजली सर्कल में बैठक होती है, उसका पहले से प्रचार प्रसार किया जाता है।

चंडीगढ़, (08 जून, 2020)। हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (एचईआरसी) के चेयरमैन दीपेंद्र सिंह ढेसी, सदस्य प्राविंद्रा सिंह चौहान व सदस्य नरेश सरदाना ने हरियाणा की बिजली वितरण कंपनियों के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) आर्डर 2020-21 पर हस्ताक्षर कर दिए, एआरआर आर्डर के मुख्य बिंदु निम्रलिखित हैं-

  1. एग्रो इंडस्ट्रीज के लिए रियायती शुल्क - एग्रो - इंडस्ट्रीज को एक बड़ी राहत प्रदान करते हुए, एचईआरसी ने एग्रो इंडस्ट्रीज की नई 20 किलोवाट तक की लोड टैरिफ श्रेणी/एफपीओ बनाई है। ऐसी इकाइयों से 4.75 रुपये प्रति किलोवाट की रियायती दर ली जाएगी। पहले उन पर 7.05 प्रति किलोवाट रुपये का टैरिफ लगाया जा रहा था। है, 2020-21 के दौरान इन बिजली उपभोक्ताओं को 42.5 करोड रुपये का कुल लाभ होने का अनुमान है। इस श्रेणी के लाभार्थी निम्नलिखित होंगे:
  2.       i. पैक हाउस
          ii. ग्रेडिंग
          iii. पैकिंग
          iv. प्री-कूलिंग और राईपनिंग चैंबर
          v. मधुमक्खी पालन
          vi. शहद प्रसंस्करण
          vii. मशरूम की खेती
          viii. टिशू कल्चर
          ix.झिंगा और मछली पालन
          x. पोल्ट्री फार्म
          xi. सुअर फार्म
          xii. मिल्क चिलिंग प्लांट
          xiii. कोल्ड स्टोरेज
          उद्योग जगत की यह मांग लंबे समय से चली आ रही थी जो जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विविधीकरण को काफी बढ़ावा मिलेगा।
  3. प्री-पेड मीटरिंग - एचईआरसी ने प्री-पेड मीटर व्यवस्था शुरू करने के लिए बिजली वितरण कंपनियों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसने प्री-पेड सुविधा का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं के लिए लागू टैरिफ पर 5 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है। यह निर्णय बिलिंग और संग्रह दक्षता में सुधार के लिए कारगर साबित होगा।
  4. घरेलू उपभोक्ताओं के लिए रियायती शुल्क - प्रति माह 150 यूनिट तक की खपत वाले घरेलू उपभोक्ता निम्नानुसार रियायती शुल्क का फायदा लेते रहेंगे: -
  5. प्रति माह युनिट दर
    0-50 यूनिट 2 रुपये प्रति किलोवाट
    51-100 यूनिट 2.50 रुपये प्रति किलोवाट
    0-150 यूनिट 2.50 रुपये प्रति किलोवाट

              ऐसे उपभोक्ताओं को 465 करोड़ रुपए का लाभ मिल सकेगा।

              घरेलू आपूर्ति उपभोक्ताओं के लिए प्रति माह 800 यूनिट तक खपत के लिए वितरण और खुदरा आपूर्ति शुल्क में 42 पैसे प्रति यूनिट की कमी की गई है। इसलिए, ऐसे उपभोक्ताओं के लिए बिजली का बिल लगभग 10 प्रतिशत कम हो जाएगा। कटौती राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी और कटौती, श्रेणी दो टैरिफ के लिए लागू टैरिफ के हिसाब से होती है, जिसमें प्रति माह 0-150 यूनिट की खपत होती है।

  6. विद्युत शुल्क में कोई वृद्धि नहीं - कोरोना महामारी से उत्पन्न असाधारण स्थिति को ध्यान में रखते हुए एचईआरसी ने उपभोक्ताओं के किसी भी वर्ग के लिए बिजली दरों में वृद्धि नहीं करने का फैसला किया है। एचटी / एलटी इंडस्ट्रियल कंज्यूमर्स, कमर्शियल कंज्यूमर्स, रेलवे/डीएमआरसी के सामने आने वाली कठिनाई को देखते हुए बिजली उपभोक्ताओं को टैरिफ बढ़ोतरी की संभावना से बचने के लिए, हरियाणा पावर यूटिलिटीज यानी एचपीजीसीएल, एचवीपीएनएल, यूएचबीवीएनएल और डीएचबीवीएनएल को 850 करोड़ रुपए की अनुमानित रिटर्न ऑन इक्विटी की अनुमति नहीं दी है।
  7. वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) - एचईआरसी ने 2020-21 के लिए 27,835 करोड़ रुपये का एआरआर दिया है। यह आंकड़ा 2019-20 में 28805 करोड़ रुपये था।
  8. पूंजीगत व्यय योजना - एचईआरसी ने बिजली वितरण कंपनियों के लिए 2020-21 के लिए 2180 करोड़ रुपये की एक पूंजीगत व्यय योजना को मंजूरी दी है।
  9. आर.ई. सब्सिडी - 2020-21 के दौरान 9217 मिलियन यूनिट्स ए.पी. बिक्री का अनुमान है जिसके लिए बिजली विभाग 2020-21 के दौरान 6650 करोड़ रुपये की आर.ई. सब्सिडी प्रदान करेगा।
  10. आर्डर लागू होने की तिथि - 2020-21 के लिए एचईआरसी का टैरिफ आदेश 01.06.2020 से लागू होगा।
  11. डिस्कॉम को निर्देश - एचईआरसी ने डिस्कॉम को निम्नलिखित निर्देश दिए हैं: -
    i. 6 महीने में 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा किया जाएगा।
    ii. स्मार्ट मीटर वाले सभी उपभोक्ताओं को छह महीने के भीतर प्री-पेड कनेक्शन की सुविधा प्रदान की जाएगी।
    iii. डिस्कॉम को अपने परफोरमंस मापदंडों को प्रकाशित करना चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं को पता चले कि उनके सेवा प्रदाता ने साथियों की तुलना में कैसा काम किया है।
    iv. हरियाणा में कम से कम एक शहर (पंचकूला या एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल) होना चाहिए जो रूफ टॉप सोलर जेनरेशन का उपयोग करके पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित हो।
    v. नवीकरणीय खरीद दायित्व के बैकलॉग को मंजूरी दी जानी चाहिए और इसे 31.03.2022 से आगे ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग के कार्य
विद्युत अधिनियम, 2003 का सेक्शन 86 राज्य विद्युत विनियामक आयोग के कार्यों को बताता है, एचईआरसी द्वारा निम्नलिखित कार्यों का निर्वहन किया जाएगा:-

  • राज्य के अंदर बिजली, थोक, थोक या खुदरा, जैसा भी मामला हो, के उत्पादन, आपूर्ति, पारेषण और व्हीलिंग के लिए टैरिफ निर्धारित करना
  • जब राज्य विद्युत विनियामक आयोग द्वारा ओपन एक्सेस की अनुमति दी जाती है तो आयोग केवल व्हीलिंग चार्ज और सरचार्ज ही निर्धारित करेगा
  • राज्य के अंदर बिजली वितरण और आपूर्ति के उद्देश्य के लिए समझौते के माध्यम से या अन्य स्रोतों से बिजली की खरीद की कीमत सहित वितरण लाइसेंसधारियों की बिजली खरीद और खरीद प्रक्रिया को विनयमित करना
  • बिजली के अंतर-राज्यीय पारेषण और व्हीलिंग की सुविधा प्रदान करना
  • राज्य के अंदर विद्युत संचालन के संबंध में पारेषण लाइसेंसधारियों, वितरण लाइसेंसधारियों और बिजली व्यापारियों के रूप में कार्य करने के इच्छुक व्यक्तियों को लाइसेंस जारी करना
  • ग्रिड के साथ कनेक्टिविटी और किसी भी व्यक्ति को बिजली की बिक्री के लिए उपयुक्त उपाय प्रदान करके ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से बिजली के सह-उत्पादन और उत्पादन को बढ़ावा देना, और ऐसे स्रोतों से बिजली की खरीद के लिए, वितरण लाइसेंसधारी के क्षेत्र में बिजली की कुल खपत का नवीकरणीय स्रोतों से ऊर्जा का प्रतिशत भी निर्दिष्ट करना
  • लाइसेंसधारियों और उत्पादन कंपनियों के बीच विवादों पर निर्णय लेना और मध्यस्थता के लिए किसी भी विवाद को संदर्भित करना;
  • इस अधिनियम के प्रयोजन के लिए शुल्क लगाना
  • सीईआरसी द्वारा निर्दिष्ट इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कोड के अनुरूप राज्य ग्रिड कोड निर्दिष्ट करना
  • लाइसेंसधारियों द्वारा सर्विस की गुणवत्ता, निरंतरता और विश्वसनीयता के संबंध में लागू मानकों को निर्दिष्ट करना
  • यदि आवश्यक समझा जाए तो बिजली के अंतर-राज्यीय व्यापार में ट्रेडिंग मार्जिन तय करना
  • ऐसे अन्य कार्यों का निर्वहन करना जो विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत आयोग को सौंपे गए हैं

यह भी अनिवार्य है कि अपने कार्यों के निर्वहन में, राज्य आयोग नेशनल इलेक्ट्रिसिटी पॉलिसी, नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान और सीईए द्वारा प्रकाशित टैरिफ नीति, जैसा भी मामला हो, द्वारा निर्देशित होगा 

हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग की सलाहकार भूमिका
एचईआरसी राज्य सरकार को निम्रलिखित सभी या निम्नलिखित में से किसी भी मामले में सलाह देगा, अर्थात:

  • बिजली उद्योग की गतिविधियों में प्रतिस्पर्धा, दक्षता और इकोनॉमी को बढ़ावा देना
  • बिजली उद्योग में निवेश को बढ़ावा देना
  • राज्य में बिजली उद्योग को मान्यता और पुनर्गठन
  • बिजली के उत्पादन, पारेषण, वितरण और ट्रेड से संबंधित मामले या सरकार द्वारा राज्य आयोग को संदर्भित कोई अन्य मामला
  • राज्य आयोग अपनी शक्तियों का प्रयोग और अपने कार्यों का निर्वहन करते समय पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा