याचिका कैसे दायर करें

अंतिम नवीनीकृत: 12-Dec-2013

हरियाणा में कोई भी लाईसैंस धारी, उत्पादन कंपनी विद्युत उपभोक्ता या अन्य पणधारी (Stake Holder) विद्युत अधिनियम 2003, विद्युत सुधार अधिनियम 1997 या इन के तहत बनाये गए विनियमों तथा आयोग द्वारा अधिसूचित “कार्य संचालन विनियम” (Conduct of Business Regulation) के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लेख करते हुए याचिका दायर कर सकता है। याचिका, समय–समय पर संशोधित हर्क शुल्क विनियम 2005 (HERC Fee Regulation, 2005View Document( 82 Kb) as amended time to time) में निर्धारित शुल्क सहित सभी प्रकार से पूरी हो।

आयोग किसी भी संगठन, समूहों, मंचों, कॉर्पोरेट निकायों या उपभोक्ताओं के समूह को इसके समक्ष कार्यवाही में ऐसे नियमों व शर्तों के तहत, जिन्हे आयोग उचित समझता है, कार्यवाही में भाग लेने के लिए अनुमति दे सकता है। (कार्य संचालन विनियम, 2004 का विनियम 21 / Regulation 21 of Conduct of Business Regulations 2004 of the Commission)

याचिका आयोग के “कार्य संचालन विनियम, 2004View Document(205 Kb)” ( Conduct of Business Regulations, 2004) में निर्धारित प्रकिया के अनुसार दायर की जाए। याचिका दायर करते समय निम्नलिखित प्रमुख अंको को ध्यान मे रखा जाए।

  1. सभी वाद सफेद कागज के दोनों तरफ टाईप, साइक्लोस्टाईलड या प्रिंटिड हो तथा प्रत्येक पृष्ठ क्रमानुसार लगा हो। उनके बिंदुओं को अलग-अलग पैराग्राफों मे उपयुक्त रूप से क्रमानुसार दिया जाए। प्रत्येक वाद की दस प्रतियाँ पूर्ण रूप से, एवं अन्य किसी आवश्यकता के साथ जो आयोग समय-समय पर निर्धारित करेगा, दायर की जाएं (कार्य संचालन विनियम, 2004 का विनियम 26)
  2. सभी वाद स्पष्ट तथा संक्षिप्त रूप से दर्शायें (कार्य संचालन विनियम, 2004 का विनियम 27)
    1. आयोग से मांग की गई राहत का विवरण
    2. आयोग को राहत क्यों देनी चाहिए,के कारण
  3. सामान्य शीर्षक (कार्य संचालन विनियम, 2004 का विनियम 28) आयोग के समक्ष सभी वाद एवं सभी विज्ञापन एवं नोटिस प्रपत्र 1View Document( 22 Kb) में हों।
  4. शपथ पत्र (कार्य संचालन विनियम, 2004 का विनियम 29)
    1. सभी वाद, शपथ पत्र द्धारा सत्यापित किये जाएं और ऐसे सभी शपथ पत्र कार्य संचालन विनियम, 2004 के प्रपत्र 2View Document( 26 Kb) में हों।
  5. आयोग की सभी कार्यवाहियाँ सामान्य रूप से अग्रेंजी में होंगी जब तक कि आयोग किसी व्यक्ति द्वारा मामले को हिन्दी में प्रस्तुत करने के लिए अनुमति न दे। (आयोग के कार्य संचालन विनियम, 2004 का विनियम 10)