आयोग के समक्ष कार्यवाही (विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 95)
आयोग के समक्ष सभी कार्यवाहियों को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 (1860 का 45) की धारा 193 और 228 के अर्थान्तर्गत न्यायिक कार्यवाही होना माना जाएगा और आयोग को दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) की धारा 345 और 346 के प्रयोजनों के लिए सिविल न्यायालय होना माना जाएगा।
आयोग ने एक विस्तृत “कार्य संचालन विनियम, 2004(205 Kb)” तैयार किया है जो सभी मामलों में कार्य संचालन के आचरण को निर्धारित करता है जोकि आयोग अपनी ओर से या इसके आदेशों / निर्देशो की समीक्षा करने के लिए इसके सामने प्रस्तुत किए जाऐं।